व्रक्ष ऐव वास्तु दोष :-
व्रक्षो से वास्तुदोषो का निवारण:-
- पीपल या बरगद का ईशान कोण मे होना |
- मुख्य द्वार पर किसी भी बड़े व्रक्ष का होना |
- उत्तर व पूर्व मे बड़े व घने व्रक्ष का होना |
- घर या व्यवसायिक भूखंड के बीचो बीच किसी भी व्रक्ष का होना |
- चारो ओर से व्रक्षो की छाया के बीच मे आवास होना |
- तुलसी का पौधा दक्षिण या नेम्रत्य मे लगाना |
- यदि किसी भूखण्ड मे पीपल या बड का पूर्व विकसित व्रक्ष लगा हो तो उसे नही खरीदना चाहिये |
- भूखंड मे पीपल,नींबू,आम,खजूर,केला,बेर,आदि का स्वय उत्पन्न होना अशुभ होता है |
- जिस घर मे व्रक्ष की छाया प्रथम प्ररह से अधिक व दो प्ररह तक रहती है उस व्रक्ष की शाखाए काटकर छायदोष समाप्त कर देना चाइये |
- जिस घर मे व्रक्षो की छाया प्रथम और अन्तिम प्रहर को छोडकर दो तीन प्रहरो तक बराबर बनी रेह्ती हो वह छाया हमेशा दुख देने वाली होती है |
- नॉर्थ ईस्ट मे यदि बड़े व्रक्ष है तो उन्हे काट दे | उनके बदले अन्य व्रक्षो का व्रक्षारोपण सार्वजनिक स्थलो पर कर दे|
- नॉर्थ ईस्ट मे लगे कांटेदार व्रक्षो या पौधो को हटा दे |
- असमान्य आकार के भूखंड को व्रक्षो की पंक्ति द्वारा समान्य आकार का बनाया जा सकता है |
- श्वेतार्क के पौधे को घर के दक्षिण या साउत वेस्ट मे लगाये परन्तु यदि कही से उखाडकर लगाना हो तो उसे विधिवत निमंत्रित करके ही रोपित करे| ऐसी मान्यता है की इसकी जड गणेशाकृति की होती है |
- पूर्व दिशा कटी होने पर, दोष निवारण संभव न होने पर काले धतूरे का पौधा रोग निवृति मे सहायक होता है |
- वास्तुदोष वाले व्रक्षो के कारण यदि संतती सम्बंधी कष्ट हो रहे हो तो उनका निवारण करने के पशचात सर्वजनिक व धार्मिक स्थलों पर फलदार वृक्षों को लगाना चाहिए | कुछ समय पशचात ही शुभ फल प्राप्त होने लगेंगे | यदि कोई भूखंड खली है तो उसमे आग्नेय कोण में अनार का वृक्ष शुक्लपक्ष में हस्त नक्षत्र में लगाये |यह प्रयोग सुख समृदि तथा अर्ध प्राप्ति दायक होगा |
- यदि आवास के पीछे गलत दिशा में तालाब , झरना, नदी,पहाड़ इत्यादि हो तो वहां दिशा के अनूसार निर्दिष्ट वृक्षों की कतार लगाकर दोष का संकुचन किया जा सकता है |
- यदि घर के अगल - बगल में कोई धार्मिक स्थल है या सम्मुख मूर्तिवेध है तो शुभ वृक्षों की कतार लगाकर वास्तु दोष का निवारण किया जा सकता है |
- आवास के बाहर अशुभ वृक्ष होने पर, आवास व वृक्षों के बीच शुभ वृक्ष लगाकर इसकी अशुभता को कम किया जाता है |
- वृहद वास्तु माला में वर्णन है जो व्यक्ति एक पीपल , एक नीम,एक बरगद,दस इमली,तीन कैथ,तीन बेल,तीन आवला,और पांच आम के वृक्ष लगता है वह नरक के दर्शन नहीं करता है |
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